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Maithili Sharan Gupta

Revathi Raman

Maithili Sharan Gupta मैथिलीशरण गुप्त: / रेवती रमण - 6 - New Delhi Sahitya Akademi 2016 - 100

भारतीय सस्कृति के अनन्य उपासक देशप्रेमी तथा हिन्दी के शिखर कवि मैथिलीशरण गुप्त (1886-1964) का जन्म झाँसी जनपद के चिरगाँव करबे में हुआ था । उनके पिता वैष्णव भक्त थे तथा रामकथा में उनकी विशेष रुचि थी । इसी भागवत परिवेश में गुप्त जी की कारयित्री प्रतिभा का विकास हुआ । उनकी प्रारम्भिक कविताएँ वैश्योपकारक पत्र में तथा बाद में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के सम्पर्क में आने के बाद सरस्वतीमें प्रकाशित होने लगीं । वर्ष 1909 में उनका पहला खण्ड काव्य रंग में भंग प्रकाशित हुआ और भारत भारती (1912) के प्रकाशन के साथ ही जनमानस ने गुप्त जी को एक्? स्वर से राष्ट्र कवि की उपाधि से अलंकृत कर दिया।

अपनी आरंभिक रचना जयद्रथ वध से लेकर साकेत पंचवटी यशोधरा उर्मिला पृथ्वी पुत्र: विष्णु-प्रिया : आदि कृतियों के द्वारा भारतीय संस्कृति की उदान्तता तथा तेजस्विता का जैसे बखान मैथिलीशरण जी ने किया है-वह अपने आप में श्लाघनीय प्रतिमान है और जातीय स्वाभिमान का जय-गान भी । पंचवटी में जहाँ भाव-छंद-भाषा और न्यास की श्रेष्ठता अपने प्रकर्ष पर है, वहाँ साकेत में युगधर्म की प्रखर अभिव्यक्ति देखी जा सकती है । गुप्त जी ने तिलोत्तमा चन्द्रहास तथा अवध नामक तीन नाटक भी लिखे ।

कविवर गुप्त ने अपने साठ वर्ष के अनवरत एवं अबाध लेखन काल में प्रबन्ध काव्य, खण्ड काव्य, मुक्तक काव्य तथा अनुवाद कार्य द्वारा प्रभूत यश अर्जित किया । राष्ट्रीय भावना से परिपूर्ण इनकी रचनाएँ जातीय अस्मिता का ओजस्वी चित्र प्रस्तुत करती हैं । वे केवल अतीत का गौरवगान ही नहीं करतीं बल्कि युगबोध की प्रेरणास्पद चेतना रमे भी दीप्त है ।

रेवती रमण (जन्म 1955) बी.आर आम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के हिंदी विभाग में आचार्य । आलोचना पर एक दर्जन से अधिक पुस्तकें । चर्चित पुस्तकें हैं-'हिन्दी आलोचना : 'बीसवीं शताब्दी: जातीय मनोभूमि की तलाश' एवं सर्जक की अंतर्दृष्टि' ।

9788126000135

Gifted RRRLF, Kolkata


Monograph

H / REV